उत्तर प्रदेश के 41 राजकीय मेडिकल कॉलेज में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट की सुविधा जल्द मिलने लगेगी। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने निर्देश दिए हैं कि मेडकिल कॉलेजों में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट लगाने से संबंधित सभी औपचारिकताएं जल्द पूर्ण की जाएं।
मरीजों को ऑक्सीजन की कमी न हो और मेडिकल कॉलेजों में ऑक्सीजन की आपूर्ति निर्बाध रूप से जारी रहे। मरीजों को इससे बड़ी राहत मिलेगी। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान प्रदेश में आक्सीजन की किल्लत को लेकर काफी अफरातफरी मची थी। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने मेडिकल कालेजों में लिक्विड मेडिकल आक्सीजन प्लांट के लिए पेट्रोलियम तथा विस्फोटक सुरक्षा संगठन से जल्द लाइसेंस प्राप्त करने के निर्देश दिए हैं।
सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों को निर्देश दिए हैं कि वह जल्द लाइसेंस प्राप्त करने का प्रयास करें और इन ऑक्सीजन प्लांट को शुरू किया जाए। लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट के शुरू होने से पाइप लाइन के माध्यम से ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाएगी। ऑक्सीजन सिलेंडर पर निर्भरता कम होगी। अभी तक 41 मेडिकल कॉलेजों में से 13 मेडिकल कॉलेजों द्वारा लाइसेंस प्राप्त कर लिया गया है।
इसमें गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज, आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज, कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, मेरठ के एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज, झांसी के एमएलबी मेडिकल कॉलेज, बांदा के जीएमसी मेडिकल कॉलेज और अयोध्या, बस्ती, फिरोजाबाद, शाहजहांपुर, देवरिया व प्रतापगढ़ के राजकीय मेडिकल कॉलेजों को पेट्रोलियम और विस्फोटक सुरक्षा संगठन से लाइसेंस प्राप्त हो चुका है। बाकी 28 मेडिकल कॉलेजों द्वारा भी लाइसेंस के लिए आवेदन किया जा रहा है।