योगी 2.0 में सोलर ऊर्जा से यूपी को जगमगाने की तैयारी
– बिजली की खपत कम करना, लोगों को पूरे दिन बिजली उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता
– योगी सरकार अगले 05 साल में सौर ऊर्जा के उत्पादन को और बढ़ाने की तैयारी में जुटेगी
– घर-घर तक हो सोलर ऊर्जा की पहुंच, इसपर तेजी से काम करेगी सरकार
– पिछले कार्यकाल में गांव-गांव तक स्थापित कर चुकी है 235 मेगावाट क्षमता के सोलर रूफटॉप
प्रदेश की सत्ता को दूसरी बार संभालने जा रही योगी सरकार अगले 05 सालों में यूपी के गांव-गांव तक सोलर ऊर्जा को बढ़ावा देने की तैयारी में जुटेगी। इसके लिए उसने कार्ययोजना तैयार की है। सरकार की प्राथमिकता बिजली की खपत को कम करना और लोगों को पूरे दिन बिजली की उपलब्धता कराना है। सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने और लोगों को सौर ऊर्जा के महत्व की जानकारी देने के लिए जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे।
सरकार के प्रयासों से यूपी पहले ही सौर ऊर्जा के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में स्थापित होने में कामयाब रहा है। अब इसको और तेजी से आगे बढ़ाने की तैयारी सरकार ने की है। घर-घर तक सोलर प्लांट पहुंचाने पर सरकार का जोर है। अपने साढ़े 4 साल के कार्यकाल में गांव-गांव में सस्ती बिजली का उत्पादन करने में यूपी सरकार पहले ही बड़ी उपलब्धियां हासिल कर चुकी है। सरकार के प्रयासों से गांव-गांव में अब सोलर पंपों से किसान खेतों की सिंचाई करते दिखाई दे रहे हैं। सरकार गांव में 235 मेगावाट क्षमता के सोलर रूफटॉप भी स्थापित किये हैं। खेतों की सिंचाई के लिये 19579 सोलर पम्प भी लगवाए हैं। कई गांवों के बाजार व सड़क सोलर स्ट्रीट लाइटों से जगमगा रहे हैं। पंडित दीनदयाल उपाध्याय सोलर स्ट्रीट लाइ योजना के तहत ग्रामीण बाजारों में 25569 सोलर स्ट्रीट लाइटों की स्थापना की है। इसके अलावा मुख्यमंत्री समग्र ग्राम्य विकास योजना में चयनित राजस्व ग्रामों में 13791 सोलर स्ट्रीट लाइट संयंत्रों की स्थापना की गई है। बता दें कि बीते कार्यकाल में योगी सरकार ने प्रदेश में 1535 मेगावाट की परियोजनाएं लागू की। 7500 करोड़ रुपये के खर्च से इन परियोजनाओं ने बिजली उत्पादन के क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन लाने का काम किया। परियोजना को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने सौर ऊर्जा नीति के तहत सौर ऊर्जा इकाई स्थापना करने वालों को स्टाम्प शुल्क में भी शत-प्रतिशत छूट दी।