स्वास्थ्य व सम्बद्ध क्षेत्रों में बढ़ा निवेश
अस्पताल, दवाएं, गैस आदि की क्षमता में होगी वृद्धि जीबीसी-3 में आए कई नए प्रस्ताव स्वास्थ्य, चिकित्सा और सम्बद्ध क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश में आने वाले वर्षों में होने वाले निवेश के बाद इस क्षेत्र में असीम विकास की संभावनाएं खुलने की आशा है। लखनऊ में हाल मे हुई तीसरी ग्राउन्ड ब्रेकिंग सेरमनी (जीबीसी-3) में प्रस्तुत किये प्रस्तावों के आकलन से स्पष्ट है कि स्वास्थ्य सेवा, दवा उत्पादन, मेडिकल आपूर्ति व सम्बद्ध क्षेत्रों में कई जिलों में नए उद्योग लग रहे हैं जिनमें जल्द ही संचालन शुरू हो जाएगा।
इन क्षेत्रों के प्रस्तावों में 65 फार्मा और मेडिकल सप्लाई में हैं, और 8 हेल्थकेयर से जुड़े हैं। जहां हेल्थ केयर में कुल रु 2205 करोड़ का निवेश प्रस्तावित है, वहीं सम्बद्ध क्षेत्रों में रु 1088 करोड़ निवेश किया जा रहा है। इस प्रकार इन क्षेत्रों में कुल रु 3293 करोड़ के प्रोजेक्ट लगाए जा रहे हैं। आने वाले समय में प्रदेश में कई नए अस्पताल, जांच केंद्र, मेडिकल रिसर्च सेंटर, दवा उत्पादन इकाइयां और मेडिकल सप्लाई के प्रोजेक्ट शुरू हो जाएंगे। प्रदेश में तेजी से बढ़ रही मेडिकल कॉलेज की संख्या के बाद लोगों को मिलने वाली चिकित्सा सेवाओं का विस्तार होने की पूरी संभावना है। इनमें अस्पताल में बेड, दवाएं, ऑक्सीजन की आपूर्ति और दवा उत्पादन शामिल हैं।
यशोदा फाउंडेशन द्वारा प्रदेश में दो बड़े निवेश किये जाने का प्रस्ताव है। इनमें पहला यशोदा फाउंडेशन का मेडीसीटी सुपर स्पेशलिटी व कैंसर अस्पताल है, जो गाजियाबाद में प्रस्तावित है। इसमे 500 शैय्या का अस्पताल, उच्च स्तर की स्पेशल केयर और कैंसर अस्पताल शामिल है। रु 800 करोड़ की लागत से बन रहे इस केंद्र के जनवरी 2024 में पूरा हो जाने की उम्मीद है और इसमें 4250 नौकरियां सृजित होंगी।
इस फाउंडेशन का दूसरा प्रस्ताव ग्रेटर नोएडा में बायोटेक पार्क, अस्पताल व मेडिकल रिसर्च सेंटर की स्थापना है। इसमे बायोटेक रिसर्च, आईटी हब और 250 शैय्या का अस्पताल शामिल है। इसमें रु 525 करोड़ का निवेश होगा और यह मार्च 2024 तक पूरा होगा। यहाँ 450 नौकरियां उपलब्ध होंगी।
शांति फाउंडेशन द्वारा महाराजगंज में एक अस्पताल स्थापित करने का प्रस्ताव है जिस पर रु 400 करोड़ का निवेश होगा और यह जून 2023 तक पूर्ण होगा। इसमें 800 नौकरियां उपलब्ध होंगी।
अन्य प्रस्ताव इस प्रकार हैं – नोएडा में देव फार्मेसी प्राइवेट लिमिटेड (रु 180 करोड़); फेलिक्स हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड (रु 150 करोड़); मुस्कान मेडिकल सेंटर प्राइवेट लिमिटेड (रु 120 करोड़); माईलो हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड (रु 165 करोड़) और सांभल में श्री सिद्धि विनायक ट्रस्ट हॉस्पिटल (रु 165 करोड़)।
फार्मा व मेडिकल आपूर्ति के क्षेत्र में विभिन्न जिलों में 65 प्रोजेक्ट प्रस्तावित हैं। इन पर कुल रु 1088 करोड़ का निवेश किया जाएगा।
एक मल्टी-नैशनल कंपनी, एयर लिक्विड नॉर्थ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड मथुरा में रु 300 करोड़ की लागत से एक प्लांट लगाएगी। इसमें कुल 155 नौकरियां सृजित होंगी और यह नवम्बर 2023 तक पूर्ण हो जाएगा।
क्यू-लाइन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड लखनऊ में रु 200 करोड़ की लागत से एक संयंत्र स्थापित कर रहा है जो जुलाई 2022 से अप्रैल 2023 तक अलग अलग चरणों में पूर्ण होगा। इसमें 500 नौकरियां सृजित होने की उम्मीद है।
नोएडा में इस क्षेत्र के प्रस्तावित प्रोजेक्ट इस प्रकार हैं – कामाक्स ब्यूटी प्राइवेट लिमिटेड (रु 15 करोड़); कानिदी बायोटेक एलएलपी (रु 53 करोड़); ओजेबी हर्बलस प्राइवेट लिमिटेड (रु 11 करोड़); आरजीआई मेडिटेक प्राइवेट लिमिटेड (रु 25.4 करोड़) और यूनीक्योर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (रु 47 करोड़)।
लखनऊ में कुणाल रेमेडीज़ प्राइवेट लिमिटेड (रु 24 करोड़); एसआरएस हेल्थ केयर (रु 45 करोड़); बाराबंकी में हर्बोकेम इंडस्ट्रीज़ प्राइवेट लिमिटेड (रु 18 करोड़); गाज़ियाबाद में जीएस फार्मब्यूटर प्राइवेट लिमिटेड (रु 20 करोड़); मुजफ्फरनगर में सरल केमटेक एलएलपी (रु 40 करोड़); राय बरेली में आईनॉक्स एयर प्रोडक्टस प्राइवेट लिमिटेड (रु 50 करोड़) और सीतापुर में ग्लेडियस मेडीटेक प्राइवेट लिमिटेड (रु 27 करोड़) इस क्षेत्र के अन्य प्रोजेक्ट हैं।