एसजीपीजीआई में जल्द शुरू होगा 210 बेड का इमरजेंसी विभाग
ट्रामा सेंटर के चालू होने से मिली मरीजों को राहत, नहीं लगाने पड़ेंगे दूसरे अस्पतालों के चक्कर 24 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाओं में तेजी से बढ़ोतरी करने वाली योगी सरकार बेहतर चिकित्सीय सुविधा देने के लिए प्रतिबद्ध है। एक ओर प्रदेश सरकार जिलों में मेडिकल कॉलेज की स्थापना कर रही है तो वहीं दूसरी ओर प्रदेश के बड़े अस्पतालों में चिकित्सीय सेवाओं के विस्तार पर जोर दे रही है। प्रदेशवासियों को बेहतर इमरजेंसी सेवाएं देने के उद्देश्य से लखनऊ के एसजीपीजीआई में इमरजेंसी विभाग और ट्रामा सेंटर की शुरूआत की जा चुकी है। पिछली सरकारों में ट्रामा सेंटर केवल केजीएमयू में था जिसके कारण लगातार बेड की समस्या व इलाज नहीं मिल पाता था और रेफरल केसों का सबसे अधिक भार केजीएमयू पर पड़ता था। ऐसे में योगी सरकार की पहल पर ट्रॉमा सेंटर की सेवा पीजीआई में शुरू होने से लखनऊ समेत दूसरे जिलों से इलाज के लिए एसजीपीजीआई आने वाले मरीजों को काफी राहत मिलेगी।
तकनीक के साथ कदमताल करते हुए जटिल ऑपरेशन और प्रत्यारोपण जैसी सेवाओं को अस्पताल में और भी मजबूत किया जा रहा है। संजय गांधी पोस्ट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सांइसेज (एसजीपीजीआई) में नवंबर के मध्य तक मरीजों को दी जाने वाली सुविधाओं में इजाफा करते हुए ट्रामा सेंटर की शुरूआत हो चुकी है। जल्द ही अस्पताल में 210 बेड का इमरजेंसी विभाग भी शुरू हो जाएगा। अस्पताल में 68 बेड का ट्रामा सेंटर शुरू होने से मरीजों को भर्ती से जुड़ी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ रहा है। एसजीपीजीआई में दूसरे जिलों से मरीज इलाज के लिए आते हैं। ऐसे में जल्द ही तैयार होने वाले इमरजेंसी विभाग से भी मरीजों को सीधे तौर पर लाभ मिलेगा। उनको दूसरे अस्पतालों के बिना चक्कर काटे बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
पीजीआई के निदेशक डॉ आरके धीमान ने बताया कि अस्पताल में दोनों सुविधाएं मिलने से मरीजों को सीधे तौर पर लाभ मिलेगा। जल्द तैयार होने वाले इमरजेंसी विभाग में पर्याप्त संख्या में बेड होने से रेफरल व स्थानीय मरीजों की भर्ती प्रक्रिया आसान हो जाएगी।
इमरजेंसी सेवाएं हुई बेहतर
एसजीपीजीआई के साथ ही केजीएमयू में सबसे ज्यादा इमरजेंसी भर्तियां की जाती हैं। यहां तीन स्थानों पर इमरजेंसी भर्ती हो रही है। ट्रामा सेंटर, क्वीनमेरी और लॉरी कॉर्डियोलॉजी विभाग में अलग इमरजेंसी सेवाओं का संचालन हो रहा है। इसके बाद बलरामपुर अस्पताल और सिविल अस्पताल में इमरजेंसी सेवाएं मिलने से मरीजों को समय पर इलाज मिल रहा है। इमरजेंसी विभाग में पर्याप्त संख्या में बेड होने से गंभीर मरीजों का इलाज आसानी से हो रहा है।