पूर्वी उत्तर प्रदेश की गरीबी और पिछड़ेपन को दूर करने के कोई प्रयास पिछली सरकारों ने नहीं किए: योगी
पीएम के प्रयासों से मेडिकल, सड़क और सिंचाई जैसी योजनाओं को पूरा किया जा रहा है: योगी आदित्यनाथ
करीब 50 वर्ष पुरानी सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना को पूरा करने में सपा, बसपा और कांग्रेस ने कोई रूचि नहीं दिखाई: योगी
प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी को सुनने के लिए उमड़ा लोगों का हुजूम
मोदी सरकार पूर्वी उत्तर प्रदेश को गरीबी और पिछड़ेपन से छुटकारा दिलाने का काम कर रही है। पिछली सरकारों ने यहां के लिए कोई प्रयास नहीं किए। पीएम पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए वह सब कुछ कर रहे हैं, जो यहां कभी किसी ने सोचा नहीं था। पीएम के प्रयास से कुछ दिन पहले ही 31 वर्षं से बंद पड़े खाद कारखाने को शुरू कराया गया तो दूसरी तरफ पूर्वांचल में फैले दिमागी बुखार समेत अन्य संक्रामक रोगों से मुक्ति दिलाने के लिए देश का सबसे बड़ा अस्पताल एम्स भी शुरू कराया है। आज यहां के नौ जनपदों को सिंचाई में सहायक होने वाली सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना भी शुरू की जा रही है जो करीब 50 वर्षों से बंद पड़ी थी। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 9,800 करोड़ रुपये की लागत से बनीं सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना के लोकार्पण के मौके पर बलरामपुर में कहीं। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी को सुनने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री के प्रयासों से मेडिकल सुविधाओं से वंचित पूर्वीं उत्तर प्रदेश को मेडिकल कालेजों की एक लंबी शृंखला मिल चुकी है। उन्होंने कहा कि दिमागी बुखार, कालाजार, मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया यहां की आम बीमारी थी। इनका उपचार नहीं होता था। इसे अज्ञात बीमारी मानकर लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया जाता था। प्रधानमंत्री ने वायरल रिसर्च सेंटर देकर इन बीमारियों की जांच केन्द्र ही बना दिया है। प्रधानमंत्री के प्रयास से एम्स गोरखपुर आ चुका है। प्रधानमंत्री ने उस दिन लगभग दस हजार करोड़ रुपये की योजनाओं को शुरू कराया। इसके पहले नौ मेडिकल कालेज का उद्घाटन सिद्धार्थनगर में और कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा का शिलान्यास भी किया।
मुख्यमंत्री ने सपा, बसपा और कांग्रेस की पिछली सरकारों पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रधानमंत्री ने 2015 में कृषि सिंचाई योजना की शुरू की थी, लेकिन उस समय की प्रदेश सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। परिणाम यह हुआ कि लगभग चालीस वर्ष पुरानी सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना अधूरी ही पड़ी रही। 2017 में जब हमारी सरकार बनी तो हमने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि हमारे यहां पहले से लगभग 18 परियोजनाएं अधूरी पड़ी हैं। प्रधानमंत्री ने इन्हें पूरा कराने के लिए धन की कोई कमी नहीं होने दी। जिसका परिणाम यह है कि अब तक 17 परियोजनाएं पूरी की जा चुकी हैं। इनमें से सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का आज उद्घाटन स्वयं प्रधानमंत्री ने किया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना को पूरा कराने का जो सपना देखा था, उससे अटल जी के नदी जोड़ने का सपना भी साकार हो रहा है। सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना के जरिए घाघरा, राप्ती, सरयू, बाणगंगा और रोहिणी को जोड़ा जा रहा है। इससे बहराइच, श्रावस्ती, गोंडा, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर, बस्ती, महराजगंज और गोरखपुर समेत नौ जिलों की जनपदों की लगभग 15 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई का लाभ मिलेगा। अन्नदाता के सम्मान की रक्षा करने और उनकी आमदनी को दोगुना करने की योजना को आगे बढ़ाने के लिए यूपी सरकार काम कर रही है।