बच्चे का नाम रेजाउल शेख है और वो पांचवी कक्षा का छात्र है। रेजाउल शेख द्वारा बनाए गए हेलीकॉप्टर को देखने के लिए हर दिन बड़ी संख्या में लोग उनके घर आते हैं।
इस हेलीकॉप्टर को बनाने में रेजाउल को छह महीने का वक्त लगा।
इस तरह की पहल पर पहले तो गांव वालों को हंसी आती थी, लेकिन अब उनकी भी इसमें दिलचस्पी बढ़ने लगी है। हेलीकॉप्टर का काम पूरा हो गया है हालांकि इंजन अभी बाकी है। पेशे से जेसीबी पोक्लीनर के कारोबारी रेजाउल बाबू हेलीकॉप्टर के निर्माण में करीब तीस लाख रुपये पहले ही खर्च कर चुके हैं। हेलीकॉप्टर बनाने के लिए सामग्री कोलकाता, पानागढ़ समेत विभिन्न जगहों से लाई जा रही है।
जानकारी के अनुसार, इसका इंजन कर्नाटक से आ रहा है। चार सौ हॉर्सपावर के इंजन वाले इस हेलीकॉप्टर का वजन करीब चार टन होगा। उनका दावा है कि यह हेलीकॉप्टर ढाई टन का सामान ले जा सकता है। हालांकि, इसे पूरा होने में एक और महीना लगेगा। उसके बाद ही रेजाउल बाबू अपने पिता के सपनों की उड़ान पर सवार होंगे।