नए भारत का नया उत्तर प्रदेश आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसरः योगी
उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय पटल पर एक समर्थ प्रदेश के रूप में उभराः योगी स्वतंत्रता सेनानियों की मंशा के अनुरूप हो रहा है देश का विकासः योगी सुदृढ़ कानून व्यवस्था से प्रदेश में विकास और निवेश का माहौल बना, उत्तर प्रदेश ने हासिल की हैं कई विशिष्ट उपलब्धियां- सीएम प्रधानमंत्री के अमृत महोत्सव के पंचसूत्र आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं-योगी आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत उत्तर प्रदेश विधानमंडल की संयुक्त बैठक को मुख्यमंत्री ने किया संबोधित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का किया स्वागत
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में स्वतंत्रता सेनानियों की मंशा के अनुरूप देश का विकास हो रहा है। इसमें उत्तर प्रदेश द्वारा विशिष्ट उपलब्धियां हासिल की गई हैं। उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय पटल पर एक समर्थ प्रदेश के रूप में उभरा है। नए भारत का नए उत्तर प्रदेश निरंतर आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर है।
सीएम योगी सोमवार को राष्ट्रपति द्वारा विधानमंडल के संयुक्त सत्र को सम्बोधित करने के विशेष अवसर पर अपने विचार रख रहे थे। राष्ट्रपति रामनाथ कोबिन्द का स्वागत-अभिनंन्दन करते हुए सीएम योगी ने कहा कि सुदृढ़ कानून व्यवस्था से प्रदेश में विकास और निवेश का माहौल बना है। ईज आफ लिविंग का लक्ष्य विभिन्न योजनाओं का केंद्र बिन्दु है। राज्य सरकार के प्रभावी प्रयासों के परिणामस्वरुप उत्तर प्रदेश केंद्र की 4 दर्जन योजनाओं में प्रथम स्थान पर है। युवाओं को रोजगार और नौकरी प्रदान करने के लिए राज्य सरकार कृतसंकल्पित है। प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश देश की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। सीएम ने यूपी के कोरोना प्रबंधन के प्रयासों का भी जिक्र किया।
आत्मावलोकन का अवसर है अमृत महोत्सव
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने देश को अमृत महोत्सव के पंचसूत्र दिए हैं। उन्होंने आजादी की ऊर्जा, स्वाधीनता सेनानियों से प्रेरणा, नई विचारों की प्रेरणा, नए संकल्पों और आत्मनिर्भरता को प्राप्त करने का महोत्सव कहा है। यह पांच सूत्र आजादी की लड़ाई के साथ-साथ आजाद भारत के सपनों और कर्तव्यों को देश के सामने रख आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव हमें आत्म अवलोकन का अवसर दे रहा है। 2047 का भारत कैसा होगा, इसके लिए प्रधानमंत्री जी ने आगामी 25 वर्ष के कालखंड को अमृत काल निर्धारित करते हुए नवीन संकल्प के साथ नए लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए नागरिकों का आह्वान किया है।
इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का सदन के सदस्यों और उत्तर प्रदेश की जनता की ओर से स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारे लिए सौभाग्य का विषय है कि आपका महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है। यह उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए गर्व की बात है कि राष्ट्रपति कानपुर के परौख गांव से हैं। उन्होंने स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा लेने के बाद कानपुर विवि से कानून की डिग्री प्राप्त की है।
सीएम ने कहा कि यह भारत के लोकतंत्र की ताकत है कि सामान्य परिवार से आने वाले भी देश के सर्वोच्च पद को सुशोभित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आप 2017 में देश के 14वें राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित हुए। भारत के प्रथम नागरिक के रूप में आपने सम्पूर्ण विश्व को शांति और भाईचारे को संदेश दिया।
प्रधानमंत्री के यशस्वी नेतृत्व में सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के प्रति समर्पित रहे आठ वर्षः योगी
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के यशस्वी नेतृत्व में सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के प्रति समर्पित आठ वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। इस दौरान प्रत्येक क्षेत्र में बुनियादी सुविधाएं बढ़ी हैं। आज भारत को नई वैश्विक प्रतिष्ठा भी प्राप्त हुई है। आठ वर्षों का यह कार्यकाल बेमिसाल साबित हुआ है। उन्होंने कहा कि आजाद भारत की 75वीं वर्षगांठ स्वतंत्रता के गौरवशाली इतिहास के पुनर्वालोकन का अवसर भी है। जिसे पूरा देश अमृत महोत्सव के रूप मे मना रहा है।
उत्तर प्रदेश की धरती से ही 1857 में देश के प्रथम स्वतंत्रता समर की शुरुआतः सीएम
उत्तर प्रदेश की धरती से ही 1857 में देश के प्रथम स्वतंत्रता समर की शुरुआत हुई थी। आजादी के ऐसे भी नायक है जिन्हें हो सकता है कि उचित स्थान न प्राप्त हुआ हो। उन्हें भुलाया नहीं जा सकता है। इस आंदोलन की सबसे महत्पूर्ण मांग अपने देश के लिए अपने कानून की थी। लम्बे संघर्ष के बाद कानून बनाने का अधिकार मिलने की शुरूआत हुई। यद्यपि हमें पूरा अधिकार नहीं मिला था। केवल शुरुआत हुई थी। इसके दृष्टिगत राज्य स्तर पर विधानमंडल की स्थापना का मार्ग प्रशस्त हुआ। 05 जनवरी 1887 को विधान परिषद का गठन किया गया। उस समय उत्तर प्रदेश उत्तर पश्चिमी प्रांत और अवध प्रांत के नाम से जाना जाता था। उस समय विधान परिषद का कोई निश्चित स्थान नहीं था। कालांतर में लखनऊ में परिषद भवन निर्मित किया गया। यह भवन अब विधान भवन कहलाता है। 1928 में यह स्थायी विधान परिषद का स्थायी स्थान बन गया। 1935 में यह विधान परिषद द्वि-सदनीय हो गया। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए गौरव की बात है कि पं. मदनमोहन मालवीय, गोविंद बल्लभ पंत, डा. ईश्वरी प्रसाद, मोती लाल नेहरू, महादेवी वर्मा, डा. संपूर्णानंद, राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन, गणेश शंकर विद्यार्थी और आचार्य नरेंद्र देव जैसी विभूतियां विधान मंडल की सदस्य रही हैं। देश के प्रधानमंत्री पद को सुशोभित करने वाले लाल बहादुर शास्त्री, चौधरी चरण सिंह और विश्वनाथ प्रताप सिंह भी इसी विधानमंडल के सदस्य रहे हैं। भारत के शायद ही किसी राज्य के विधानमंडल ने तीन-तीन प्रधानमंत्री दिए हों।
उत्तर प्रदेश विधानमंडल अपने स्थापना काल के बाद से ही अनेक ऐतिहासिक घटनाओं का साक्षी रहा हैः सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2013 में उत्तर प्रदेश विधानमंडल का रजत जयंती समारोह आयोजित किया गया था। उस समय तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने संबोधित किया था। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानमंडल अपने स्थापना काल के बाद से ही अनेक ऐतिहासिक घटनाओं का साक्षी रहा है। उत्तर प्रदेश ने विभिन्न क्षेत्रों में मार्गदर्शन दिया है। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर आहूत विशेष सत्र में पहली बार देश के विकास पर लगातार 36 घंटे की चर्चा देश के सामने चर्चा का विषय रहा। संविधान दिवस 26 नवंबर 2019 को 70वीं वर्षगांठ पर भी एक सार्थक चर्चा हुई थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के 18वीं विधानसभा में अभी हाल ही में राज्यपाल के अभिभाषण और बजट पर चर्चा में माननीय सदस्यों ने परिपक्वता का परिचय देते हुए एक सारगर्भित चर्चा को आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति जी के संबोधन से सदस्य गण लाभान्वित और प्रेरित होंगे।