जनविश्वास यात्राओं से भाजपा ने बनायी फिजा
11 हजार से अधिक किमी तक गुजरी यात्रा, तीन करोड़ लोगों से सीधा बनाया संवाद
43 बड़ी और 143 छोटी सभाओं के जरिये नेताओं ने गिनाई डबल इंजन सरकार की उपलब्धियां
381 विधानसभाओं में 2634 जगहों पर हुआ यात्रा का स्वागत जेपी नड्डा, अमित शाह, राजनाथ सिंह, धर्मेन्द्र प्रधान व सीएम योगी ने जनसभाओं को किया संबोधित
विधानसभा सभा चुनाव में सरकार और भाजपा संगठन ने पूरी ताकत झोंक दी है। हालांकि कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए चुनाव आयोग ने कुछ दिनों के लिए रैलियों, जुलूसों और सभाओं पर रोक लगायी है लेकिन चुनाव की घोषणा से पहले प्रचार प्रसार में भाजपा ने विरोधी दलों को पीछे छोड़ दिया है।जनविश्वास यात्रा के जरिये भाजपा ने लगभग तीन करोड़ जनता तक संवाद स्थापित कर चुनावी फिजा बदल दी है। 16 दिनों तक चली यात्रा ने साढे़ 13 हजार किमी से अधिक तक का सफर तय किया । इस दौरान 43 बड़ी और 143 छोटी सभाओं के जरिये दिग्गज भाजपा नेताओं ने सपा, बसपा और कांग्रेस पर हमले कर मोदी-योगी की डबल इंजन की सरकार की उपलब्धियां बताकर समूचे प्रदेश की सियासी आबोहवा बदलने में सफल रहे ।
योगी सरकार के पौने पांच साल पूरा होने की तिथि 19 दिसम्बर से छह क्षेत्रों से शुरू हुई जन विश्वास यात्रा का समापन नये वर्ष में 3 जनवरी को हुआ। यह यात्रा 403 में से 381 विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरी और 13 हजार किमी से अधिक का सफर पूरा किया। इस लिहाज़ से देखें तो भाजपा प्रदेश के 95 फीसद से अधिक क्षेत्रों तक चुनाव की घोषणा से पहले जनसंवाद बनाने में कामयाब रही। संगठन की तरफ मुखिया राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा तो केन्द्र सरकार से गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, यूपी के चुनाव प्रभारी एवं केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, सह प्रभारी एवं केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर जैसे नेताओं ने अगुआई कर बड़ी-बड़ी सभाओं के जरिये पार्टी के पक्ष में फिजा बदली तो प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई जिलों के ताबड़तोड़ दौरे कर शिलान्यास और लोकार्पण के जरिये प्रदेश की जनता को बड़ी बड़ी योजनाओं की सौगात दी और यात्रा की अगुवाई कर हिन्दुत्व और विकास के मुद्दे पर विपक्ष को घेरा । खासकर उनके निशाने पर बुआ-बबुआ की सरकार रही । वहीं डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या, डिप्टी सीएम डा. दिनेश शर्मा,प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने संगठन के पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ जनता में डबल इंजन की सरकार की उपलब्धियां का ब्यौरा दिया तो सपा, बसपा और कांग्रेस के परिवारवाद, तुष्टिकरण, जातिवाद की राजनीति पर कटाक्ष करते हुए तरकश तीर छोड़ने में कोई कोताही नहीं बरती ।
सरकार और संगठन की इस जुगलबंदी ने पूरब से लेकर पश्चिम तक की न केवल आबोहवा बदली अपितु एक सूत्र में पिरोने का काम किया है।
सभी जिलों से गुजरी यात्रा
जनपदवार देखे तो सभी 75 जिलों के अलावा कुछ ऐसे जिले भी रहे जहाँ से दो से तीन बार यात्रा गुजरी । सरकार के नवाचारों ने हर क्षेत्र में प्रदेश के विकास को नई दिशा देने की कोशिश हु, तो संगठन ने जन विश्वास यात्राओं के माध्यम से करीब तीन करोड़ से अधिक लोगों ने सहभागिता की है। इस दौरान 2634 जगहों पर स्वागत, 43 बड़ी जनसभाएं और 143 सभाओं को पार्टी के दिग्गज नेताओं ने संबोधित किया है। विधानसभा स्तर पर यात्रा के समानांतर पांच मोर्चों महिला, युवा, अनुसूचित, पिछड़ा, किसान सम्मेलन हुआ है। लगभग सभी विधानसभाओं में कम से कम एक मोर्चे का सम्मेलन किया गया है।
कानपुर व अवध क्षेत्र में सर्वाधिक गुजरी यात्रा
जनविश्वास यात्रा का सर्वाधिक सफर कानपुर और अवध क्षेत्र में रहा । कानपुर क्षेत्र के झांसी से शुरू हुई यात्रा 50 विधानसभा क्षेत्रों से होते हुए 2170 किमी की दूरी तय की । दूसरे स्थान पर अवध क्षेत्र रहा जहाँ यात्रा ने 2122 किमी का सफर पूरा किया और सर्वाधिक 78 विधानसभा से गुजरी । वहीं ब्रज क्षेत्र में 63 विधानसभा में 1867 किमी, पश्चिमी क्षेत्र के 64 विधानसभाओं में 1695, गोरखपुर क्षेत्र के 67 विधानसभाओं मे 1865 और काशी क्षेत्र के 59 विधानसभाओं से होते हुए यात्रा का सफर 1652 किमी का रहा । स्वागत सभाएं सर्वाधिक 593 मथुरा क्षेत्र में हुई । कानपुर में 526, पश्चिमी में 407, काशी में 340, अवध में 396 और गोरखपुर क्षेत्र में 372 स्वागत सभाओं के जरिये यात्रा का कारवां गुजरा ।