खिलौने मांगने हाथ ठेला लेकर निकलेंगे शिवराज

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फैसला लिया है कि आंगनबाड़ियों में जाने वाले बच्चों को हर सुविधा मिले। इसके लिए वे संस्थाओं और लोगों को आंगनबाड़ियां गोद लेने के लिए भी प्रेरित कर हैं। इसके चलते उन्होंने आंगनबाड़ियों के जाने वाले बच्चों को खिलौने मिल सकें एक मुहिम छेड़ी है। इसके तहत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वयं यह फैसला लिया है कि वे राजधानी भोपाल में 24 दिसंबर को हाथ ठेला लेकर निकलेंगे और आंगनबाड़ियों के बच्चों के लिए लोगों से खिलौने मांगेंगे।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वैसे तो अपने मुख्यमंत्रित्वकाल के दौरान कई ऐसी योजनाएं चलाई है, जिसके लिए उन्हें केन्द्र सरकार ही नहीं कई राज्यों की सरकारों ने भी सराहा है। अब उनका ध्यान प्रदेश की आंगनबाड़ियों की ओर गया है। इन आंगनबाड़ियों की स्थिति में सुधार कैसे हो, इसे लेकर वे अधिकारियों से मंथन कर चुके हैं। साथ ही अब उन्होंने आंगनबाड़ियों में सुधार के लिए संस्थाओं और लोगों से मदद की बात कही है। उन्होंने कहा है कि संस्थाओं के अलावा सक्षम लोगों को एक-एक आंगनबाड़ी केन्द्र को दान में लेना चाहिए, ताकि यहां पर आने वाले बच्चों को भी अन्य बच्चों की तरह सीखने और समझने का मौका मिले साथ ही हर वह वस्तु उपलब्ध हो जो निजी नर्सरी स्कूलों में रहा करती है। कुल मिलाकर मुख्यमंत्री का लक्ष्य यह है कि आंगनबाड़ियां सक्षम हों और यहां पर आने वाले बच्चों को वे हर तरह की सुविधाएं मुहैया करा सकें।

काम की सफलता के लिए समाज की सहभागिता जरूरी

एक कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों से ‘एडॉप्ट एन आंगनवाड़ी’ कार्यक्रम के तहत किसी एक आंगनवाड़ी को गोद लेने के लिए प्रेरित करते हुए कहा था कि वह भोपाल की सड़कों पर ठेला लेकर निकलेंगे और लोगों से बच्चों के लिए खिलौना मांगेंगे। इसकी तारीख भी उन्होंने तय कर दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे 24 मई को राजधानी में हाथ ठेला लेकर खिलौने मांगने निकलेंगे। वहीं प्रदेश के अधिकारियों को संबोधित करते हुए भी उन्होंने कहा है कि मैंने आंगनवाड़ी गोद करने की बात की थी। इसकी क्या स्थिति है? मैं भोपाल में हाथ ठेला लेकर बच्चों के लिए खिलौने लेने निकलने वाला हूं। आप भी के लिए योजना बनाएं।  मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज की सहभागिता से हर काम सफल हो सकते है।

लोगों में तड़प पैदा करें कि बच्चे कुपोषित न रहें

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमारे आंगनवाड़ी के बच्चे कुपोषित क्यों रहे। यह आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की ड्यूटी नहीं है कि वह बच्चों को कुपोषण से मुक्त करें। समाज में जागरूकता आना चाहिए। मैंने अपने क्षेत्र के किसानों से आह्वान किया फसल आई है, आंगनवाड़ी में कुछ गेंहू दे दो। कई जगह लोगों ने आंगनवाड़ियां भर दी। किसी ने 50 किलो किसी ने 25 किलो। कोई कमी नहीं रही। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार और पोषण आहर एक पक्ष है, लेकिन जनभागीदारी जुटाना और लोगों के मन में यह तड़प पैदा करना कि हमारे बच्चे कुपोषित नहीं रहेंगे यह दूसरा पक्ष है।

भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि  हमारा संकल्प है कि जनता के जीवन स्तर को ऊपर उठाने में हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। मेरा लक्ष्य है कि विकास गतिविधियों और जन-कल्याणकारी योजनाओं का लाभ हितग्राहियों को बिना विलंब और भ्रष्टाचार के मिले। शासकीय अमला हितग्राहियों से निरंतर संवाद कर संपर्क में रहे। इससे योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही कठिनाइयों का पता चलता है और उनका निराकरण भी सुगम हो जाता है। भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस और अपराधियों तथा माफिया को पूरी तरह ध्वस्त करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

अच्छा कार्य करने वाले को प्रोत्साहित करो

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि  विकास गतिविधियों और जन-कल्याण योजनाओं के क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार, कार्य में विलंब और पैसा खाने की शिकायत मिलने पर दोषी अधिकारी-कर्मचारी की नौकरी तत्काल समाप्त की जाए। दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए कलेक्टर स्वतंत्र हैं। साथ ही जो अधिकारी-कर्मचारी अच्छा कार्य कर रहे हैं, उन्हें प्रोत्साहित भी किया जाएगा। बेहतर कार्य करने वाले अधिकारियों को जिला स्तर पर कार्यक्रम कर सम्मानित किया जाएगा। अधिकारी-कर्मचारियों की शिकायतें मिलने और काम में ढिलाई पर एक्शन और अच्छे काम के लिए प्रोत्साहन की व्यवस्था का क्रियान्वयन होगा।

 

द्वारा राजेंद्र पाराशर पत्रकार भोपाल