आस्था के सम्मान के साथ पर्यटन का विस्तार
धार्मिक स्थलों को संवारने का काम पिछले पांच सालों से जारी पर्यटन को दिया जा रहा बढ़ावा, स्थानीय लोगों को मिल रहा रोजगार योगी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में योजना को देगी विस्तार
योगी सरकार अपने पहले कार्यकाल से ही आस्था के सम्मान के साथ ही धार्मिक पर्यटन को विस्तार दे रही है। इससे आस्था के केंद्र से जुड़े क्षेत्रों के विकास की नई इबारत लिखी जा रही है। धार्मिक पर्यटन के विकास से न सिर्फ क्षेत्र के बल्कि आसपास के लोगों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध हो रहे हैं। साथ ही क्षेत्र के आधारभूत ढांचे का भी तेजी से विकास हो रहा है। योगी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में इस योजना को विस्तार देगी।
योगी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ही धार्मिक क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता पर रखा। अयोध्या, काशी और मथुरा सहित अन्य धार्मिक स्थलों के विकास को तेजी बढ़ाया।
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। साथ ही अयोध्या में आधारभूत ढांचे का विकास भी तेजी से हो रहा है। अयोध्या में 138 करोड़ की 17 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। 54 परियोजनाओं में 3126 करोड़ की लागत से काम युद्धस्तर पर चल रहा है। 84 कोसी परिक्रमा मार्ग पर पड़ने वाले तीर्थस्थलों का विकास किया जा रहा है। अयोध्या को वैदिक सिटी के रूप में विकसित करने की योजना है। इसके लिए पंचकोसी, चौदहकोसी और चैरासीकोसी परिक्रमा के लिए मार्ग का निर्माण किया जा रहा है। हवाई अड्डे का निर्माण, सड़कों का निर्माण व चौड़ीकरण और बाजारों को व्यवस्थित किया जा रहा है ताकि पर्यटन को सुगम बनाया जा सके।
योगी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल के पांच वर्षों में ही प्रदेश में पर्यटन के विकास के जो कार्य किए हैं, वह आजादी के बाद से 2017 तक कोई सरकार नहीं कर पाई। वाराणसी धार्मिक आस्था का बहुत बड़ा केंद्र होते हुए भी अल्प सुविधाओं के कारण पर्यटन के लिहाज से उस मुकाम को हासिल नहीं कर पाया था, जो उसे करना चाहिए था। मुख्यमंत्री योगी के सत्ता संभालने के पांच साल के भीतर ही 600 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से श्री काशी विश्वनाथ धाम का निर्माण कराया गया। पर्यटकों को लुभाने के लिए क्रूज सेवा का संचालन शुरू हुआ। साथ ही 70 किलोमीटर लंबे पंचकोसी मार्ग को लेकर नई विकास परियोजना तैयार की गई। इससे अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर काशी की पहचान और पुख्ता हुई है। देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों की संख्या में वृद्धि लगातार जारी है।
प्रदेश सरकार की शुरू से ही यह मंशा रही है कि ब्रज क्षेत्र की पवित्रता को बनाए रखते हुए इसे देश-दुनिया तक पहुंचाया जाए। योगी सरकार ब्रज क्षेत्र को विश्वस्तर का पर्यटन स्थल बनाने के लिए लगातार प्रयत्नशील है। इसके लिए ब्रज तीर्थ विकास परिषद का गठन किया गया है। मथुरा में कृष्णोत्सव और बरसाना में रंगोत्सव का भव्य आयोजन हो रहा है। साथ ही ब्रज क्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं से जुड़े प्रमुख स्थलों का पर्यटन की दृष्टि से विकास किया जा रहा है। बरसाना में रोप वे निर्माण हो रहा है।
योगी सरकार ने 2017 में ही वृन्दावन, नंदगांव, गोवर्धन, गोकुल, बलदेव और राधाकुंड तीर्थ क्षेत्र घोषित कर दिया था। वृन्दावन में यमुना के कालीदह घाट के निकट नदी के आगम स्थल क्षेत्र में देश का सबसे बड़ा सिटी फॉरेस्ट विकसित किया जा रहा है, जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र होगा। वृंदावन में पर्यटक सुविधा केन्द्र, गीता शोध संस्थान और ऑडीटोरियम, अन्नपूर्णा भवन का निर्माण, मथुरा में जुबली पार्क समेत बरसाना और नंदगांव में भी पर्यटकों की सुविधा के विकास कार्य किए जा रहे हैं।
योगी सरकार ने न केवल धार्मिक स्थलों को बल्कि पूरे प्रदेश को पर्यटन के अन्तरराष्ट्रीय मानचित्र पर एक सशक्त पहचान दिलाई है। साथ ही धार्मिक स्थलों और आसपास के क्षेत्र के विकास को नई गति भी मिली है और रोजगार-व्यापार के नए अवसर सुलभ हो रहे हैं। योगी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में भी धार्मिक क्षेत्र के विकास को पर्यटन के जोड़कर आगे बढ़ाने के लिए संकल्पित है।