मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि  मैं हमेशा कहता हूं कि मध्यप्रदेश मेरा मंदिर है, यहां की जनता मेरी भगवान है और इस जनता का पुजारी शिवराज सिंह चौहान है। चाहे प्रदेश का विकास हो या जनता के कल्याण के काम हो, कोरोना के कठिन दिनों में भी हमने भोपाल और प्रदेश के विकास की रफ़्तार रुकने नहीं दी। प्रदेशवासी के लिए उत्तम सुख, निरोगी काया के संदेश को चरितार्थ करने के साथ राज्य सरकार मन की शांति, बुद्धि के विकास और आत्मिक आनंद के लिए भी कार्य कर रही है। तीर्थ-दर्शन योजना आत्मा के आनंद के लिए पुनः शुरू की गई है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना का शुभारंभ कर तीर्थ-यात्रियों को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने शंख और महिला सशक्तिकरण पर केंद्रित गीत की ध्वनि के बीच, कन्या-पूजन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। तीर्थ दर्शन योजना के तहत 2012 से लेकर 2020 तक करीब 743 ट्रेनों का संचालन कर 74 लाख 3 हजार से ज्यादा लोगों को तीर्थ दर्शन करा चुके हैं। इस साल रवाना की गई पहली ट्रेन से सरकार ने 947 तीर्थ यात्रियों को काशी विश्वनाथ दर्शन के लिए रवाना किया है। पहली बार ऐसा हुआ है जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के मंत्रिमंडल की मंत्री भी इस  ट्रेन   सवार होकर यात्रियों के साथ गई है।

यात्रियों के साथ चिकित्सक भी हुए रवाना

कोरोना काल के चलते यह यात्रा बंद सी हो गई थी। इसके बाद अब इस योजना के तहत रवाना की ट्रेन में पहली तीर्थ-दर्शन यात्रा में भोपाल और सागर संभाग के 974 यात्री सम्मिलित हैं। तीर्थ-यात्री काशी विश्वनाथ के दर्शन के साथ संत रविदास और संत कबीरदास के जन्म स्थल के दर्शन भी करेंगे। तीर्थ-यात्रियों को यात्रा से लौटते समय भगवान विश्वनाथ का स्मृति-चिन्ह भेंट किया जाएगा। यात्रा में तीर्थ-यात्रियों की सुविधा के लिए भोजन, नाश्ता, चाय के साथ गंतव्य पर रूकने और बसों द्वारा आने-जाने की व्यवस्था की गई है। यात्रियों की सुरक्षा की व्यवस्था के साथ ट्रेन में स्वास्थ्य परीक्षण के लिए डॉक्टर भी उपलब्ध हैं।

दूसरे तीर्थ स्थलों पर भी जाएगी  ट्रेन

प्रदेश में पुनः शुरू हुई मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना की जानकारी देते हुए बताया  कि योजना में इस बार पावन नगरी अयोध्या, पंच तीर्थ अम्बेडकर की जन्म स्थली जैसे कई तीर्थ स्थल जुड़े हैं। बुजुर्गों का आशीर्वाद हमारे प्रदेश को देश में सर्वाच्च पंक्ति में खड़ा करेगा। मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना में 22 अप्रैल को दूसरे चरण में खंडवा से हरदा, नर्मदापुरम होते हुए सोमनाथ, 23 अप्रैल को रतलाम से मंदसौर और नीमच होते हुए वैष्णो देवी और 28 अप्रैल को इंदौर से देवास, उज्जैन होते हुए अयोध्या के लिए रेल से तीर्थ-यात्रा शुरू होगी।

स्वागत कर भजन भी गाए

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रेलवे स्टेशन पर तीर्थ-यात्रियों को तुलसी की माला पहना कर स्वागत किया गया। ढोल-ढमाकों के बीच तीर्थ-यात्रियों ने फूलों से सजी ट्रेन में प्रवेश किया। मुख्यमंत्री ने ट्रेन में पूजा-अर्चना की तथा ट्रेन में बैठे सभी तीर्थ-यात्रियों से व्यक्तिगत रूप से जाकर भेंट की।  तीर्थ-यात्रियों के साथ राम भजन सुखदाई भजन भी गाया। इसके अलावा तीर्थ-यात्रा में भजन मंडली की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रा को आनंद से पूर्ण करें, भक्ति भाव से दर्शन करें। तीर्थ-यात्रा से आने के बाद परिचितों को यह संदेश अवश्य दें कि धरती बचाने के लिए पौधारोपण जरूरी है। सभी लोग पौधा अवश्य लगाएँ।

 

यात्रा से लौटकर नशा न करने का दें संदेश

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि तीर्थ-यात्रा से आकर नशा नहीं करने का संदेश देना भी आपका कर्त्तव्य है। अपने आसपास वालों को नशा छोड़ने के लिए प्रेरित करें। साथ ही बेटों के समान बेटियों को सम्मान देने का प्रण लें। बेटी बोझ नहीं वरदान बने, हमें यह कोशिश करना है। हमें इस प्रकार के संस्कार देना हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पानी बचाने में भी आपका हर संभव सहयोग आवश्यक है।

 

द्वारा राजेंद्र पाराशर पत्रकार भोपाल